
DEHRADUN,UTTARAKHAND
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि 30 साल की आवश्यकता के हिसाब से जलापूर्ति की कार्ययोजना बनाई जाए। फिलहाल गर्मियों में पेयजल किल्लत से निपटने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाए। उन्होंने पेयजल की गुणवत्ता और संरक्षण पर जोर दिया।
सचिवालय में मुख्यमंत्री धामी ने पेयजल विभाग की समीक्षा बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी 30 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में जलापूर्ति के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। वर्षा जल संरक्षण और भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। गंगा की सहायक नदियों पर एसटीपी के कार्य किए जाएं। गंगा की स्वच्छता के लिए जनसहयोग और सुझाव लिए जाएं ।
पांच साल से एक जगह जमे कार्मिकों की सूची मांगी
मुख्यमंत्री ने पांच साल से एक ही स्थान पर तैनात कार्मिकों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही नई पेयजल लाइन बिछने पर सड़क की खोदाई की शिकायतों के समाधान के लिए संबंधित विभागों की ओर से समन्वय बनाकर काम किए जाएं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि कि विभिन्न विभागों की जिन परिसंपत्तियों का उपयोग नहीं हो रहा है, उनकी समीक्षा कर सही उपयोग किया जाए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि सारा के अंतर्गत विभागों ने मिलकर क्रिटिकल जल स्त्रोतों कों पुनर्जीवित करने का काम शुरू किया है। वर्षा आधारित नदियों के फ्लो और डिस्चार्ज के मापन की भी योजना है। बैठक में उत्तराखंड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुदंरम, सचिव शैलेश बगोली, रणवीर सिंह चौहान, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, परियोजना निदेशक जलागम नीना ग्रेवाल, अपर सचिव हिमांशु खुराना एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।