UTTARAKHAND –
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज को आईआईटी रुड़की का पर्वतीय परिसर बनाने की घोषणा की थी। सीएम की घोषणा के बाद तकनीकी शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में सात सितंबर 2024 को आईआईटी रूड़की में बैठक हुई।
टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कालेज को आईआईटी रूड़की का पर्वतीय परिसर बनाए जाने की तैयारी है। इसके लिए यहां शोध परिसर भी बनाया जाएगा। परिसर में पीएचडी और एमटेक पाठ्यक्रम शुरू हो सकेंगे ।
टिहरी जिले के भागीरथीपुरम में वर्ष 2011 में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे आईआईटी रुड़की का पर्वतीय परिसर बनाने की घोषणा की थी। सीएम की घोषणा के बाद तकनीकी शिक्षा सचिव डाॅ. रंजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में सात सितंबर 2024 को आईआईटी रूड़की में बैठक हुई।
शासन ने इस बैठक का कार्यवृत्त जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि आईआईटी रूड़की टीएचडीसी का मार्गदर्शन करेगा। इसके काम के लिए एक मुख्य समिति बनेगी। जिसमें आईआईटी रूड़की, टीएचडीसी-आईएचईटी टिहरी, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड राज्य सरकार एवं इंडस्ट्री के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
‘पीएचडी एवं एम टेक पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार ‘
यह समिति टीएचडीसी में एक शोध परिसर स्थापित करने के लिए अध्ययन कर अपनी सिफारिश देगी। भविष्य में इस शोध परिसर में आईआईटी रूड़की की ओर से पीएचडी एवं एम टेक पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार किया जाएगा।
भविष्य का रोड मैप तैयार करने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक, टीएचडीसी एवं सीएमडी टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की एक समिति भी बनाई जाएगी। तय रोड मैप के अनुसार काम के लिए कोई भी प्रशासनिक निर्णय तकनीकी शिक्षा विभाग लेगा।
फिलहाल संचालित होता रहेगा यूजी पाठ्यक्रम –
बैठक में निर्णय लिया गया कि वर्तमान में टीएचडीसी में चल रहा यूजी पाठ्यक्रम संचालित होता रहेगा। वहीं, शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी अपनी सेवाएं देते रहेंगे। इन सभी कार्यों के लिए आईआईटी रूड़की से मार्गदर्शन लिया जाता रहेगा।
आईआईटी रूड़की के जो मानक हैं उस स्तर पर टीएचडीसी को लाने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। इसके लिए एक रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।