UTTARAKHAND 20 MARCH
Lok Sabha Election 2024 उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रदेश में कुल 83.21 लाख से अधिक मतदाताओं में महिलाओं की संख्या 40.12 लाख से अधिक है। पर्वतीय जिलों में खेती किसानी से लेकर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों एवं स्वयं सहायता समूहों के रूप में आर्थिक सशक्तिकरण में भी उनका बड़ा योगदान है। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस महिलाओं को साधने में जुट गई है।
उत्तराखंड में आधी आबादी यानी 40.12 लाख महिला मतदाता जिस ओर रुख कर लें, उस राजनीतिक दल की किस्मत पलटते देर नहीं लगेगी। सीमांत और पर्वतीय जिलों में तो संख्या बल की अपनी क्षमता के कारण महिला मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। कांग्रेस की नजरें इस मतदाता समूह पर टिकी हैं।
पिछले दो लोकसभा चुनाव के परिणाम ये बताते हैं कि महिलाओं ने कांग्रेस की तुलना में उसकी धुर विरोधी भाजपा पर अधिक विश्वास किया। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और साथ ही राज्य की सरकार ने लखपति दीदी, महिला आरक्षण समेत महिलाओं को केंद्र में रखकर कई योजनाओं पर खूब मेहनत की है। इसके जवाब में कांग्रेस महिला सशक्तिकरण की नीति के साथ सामने आई है।
महिलाओं से किया जा रहा है ये वादा
न्याय यात्रा के माध्यम से जिलों में हर महिला को घर बैठे काम देने की योजना शुरु करने का वायदा किया जा रहा है। लखपति दीदी के जवाब में कांग्रेस का यह दांव महिला मतदाताओं को लुभाने में कितना कारगर साबित होगा, यह चुनाव परिणाम से ही स्पष्ट हो पाएगा।
देवभूमि में महिलाओं की भागीदारी है अहम
उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रदेश में कुल 83.21 लाख से अधिक मतदाताओं में महिलाओं की संख्या 40.12 लाख से अधिक है। पर्वतीय जिलों में खेती, किसानी से लेकर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों एवं स्वयं सहायता समूहों के रूप में आर्थिक सशक्तिकरण में भी उनका बड़ा योगदान है। पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर व चंपावत जिलों में महिला मतदाताओं और पुरुष मतदाताओं में बड़ा अंतर नहीं हैं। रुद्रप्रयाग जिले में उनकी संख्या अधिक है।