विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के कई नेता 3 मार्च को पटना के गांधी मैदान में एक मंच पर दिखे। कांग्रेस लीडर राहुल गांधी व मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव इनमें प्रमुख रहे। आरजेडी की ओर से बुला गई जन विश्वास महारैली में लोगों की भारी भीड़ नजर आई। इस मौके पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दिए भाषण की खूब चर्चा हो रही है। साथ ही सोशल मीडिया पर रैली से जुड़ी कई तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति ने एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘पटना के गांधी मैदान में भीड़ की सुनामी। इस ऐतिहासिक रैली में 12 लाख से अधिक लोग शामिल हुए।’
क्या वाकई यह वारयल तस्वीर जन विश्वास महारैली की है? क्या सच में इसमें 12 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे। चलिए हम आपको फैक्ट चेक में बताते हैं कि आखिर सच्चाई क्या है। जांच-परख के दौरान पाया गया कि यह तस्वीर पुरानी है और RJD की किसी और रैली को दिखाती है। साथ ही, बड़ी भीड़ दिखाने के लिए इसे डिजिटल तकनीक से एडिट किया गया है। इस फोटो को लेकर रिवर्स सर्च किया गया। इस दौरान 27 अगस्त 2017 की कुछ तस्वीरें मिलीं, जो कि गांधी मैदान में राजद की ओर से ‘बीजेपी भगाओ, देश बचाओ’ रैली की हैं। इन्हें लालू यादव के अकाउंट से भी शेयर किया गया था। हालांकि, इनमें भी कुछ गड़बड़ पाया गया था।
फैक्ट चेक में क्या निकलकर आया सामने
लालू प्रसाद यादव की ओर से शेयर की गईं इन तस्वीरों पर सवाल उठाए जाने लगे थे। कई लोगों ने ऐसा दावा करना शुरू कर दिया कि इन्हें फोटोशॉप किया गया है। इसके कुछ समय बाद न्यूज एजेंसी ANI की ओर से शेयर की गईं तस्वीरों से सच्चाई सामने आ गई। एएनआई की ये तस्वीरें उसी जगह से ली गईं, जहां से लालू यादव की फोटोज को लेकर बताया जा रहा था। इसमें लिखा गया कि भीड़ का आकार अलग रहा। इससे साफ हो गया कि तस्वीरों को एडिट किया गया था। अगर इन दिनों वायरल हो रही तस्वीर की बात करें तो साफ पता चलता है कि उसे एडिट किया गया है। यह वायरल फोटो न सिर्फ पुरानी है, बल्कि उससे छेड़छाड़ हुआ है।